सिर्फ एक परफेक्ट डिसीजन
सिर्फ एक परफेक्ट डिसीजन ही आपको दुनिया में चमत्कार करने लायक बना सकता है
(लेखक: अयान कबीर)
आज जो कर रहे हो... क्या सच में वो तुम्हारा सपना है?
Dosto, आज जो kaam aap kar rahe ho —
क्या वो आपके दिल का काम है?
या फिर किसी की जबरदस्ती, मजबूरी, या डर के कारण आप कर रहे हो?
अगर वो काम ऐसा है जिसे करने का मन नहीं करता,
फिर भी रोज़ ज़बरदस्ती करना पड़ता है —
तो आपकी ज़िंदगी “अकर्मा” वाली ज़िंदगी है।
मजबूरी नहीं, परफेक्ट डिसीजन बनाओ
"जो काम करते हुए रात को चैन की नींद ना आए —
और सुबह डर के साथ शुरू हो —
वो काम किसी की भी किस्मत नहीं बदल सकता।"
कम पैसा चलेगा,
लेकिन अगर सुकून वाली नींद नहीं मिली तो क्या मिला?
अब बात करते हैं — "Perfect Decision" की
Perfect decision kya hai?
- जो काम दिमाग से भी ठीक लगे और दिल से भी।
- जिस पर सोचने के बाद भी पछतावा ना हो।
- जो आपके अंदर जुनून जगा दे।
एक छोटी कहानी – समझो Perfect Decision क्या होता है
Imagine karo:
आपके इलाके में एक बहुत बड़ा दुश्मन रहता है, और कोई आकर बोले:
"तेरा भाई मुसीबत में है, जल्दी चल!"
आप बिना सोचे समझे भाग जाते हो…
पर क्या ये सही फैसला है?
नहीं!
Perfect decision ये होता:
- पहले फोन करके भाई से पूछते
- सिचुएशन समझते
- फिर समझदारी से तैयार होकर निकलते
यही होता है सोच-समझ के लिया गया परफेक्ट डिसीजन।
अब अपनी ज़िंदगी पर लागू करो
हर काम को करने से पहले खुद से तीन सवाल पूछो:
- क्या ये काम मेरा सपना है?
- क्या मैं इसे रोज़ 10 साल तक बिना बोर हुए कर पाऊँगा?
- क्या इस काम से मुझे और मेरी फैमिली को सुकून मिलेगा?
अगर तीनों का जवाब “हाँ” है —
तो वही करो, और दिल जान लगाकर करो।
याद रखो
गलत डिसीजन सिर्फ आपका वक़्त नहीं,
आपकी पूरी ज़िंदगी खा जाता है।
और
सही डिसीजन आपकी औकात नहीं,
आपकी पहचान बदल देता है।
आखिर में बस एक लाइन:
“सोच-समझ के चलो, क्योंकि रफ्तार से ज़्यादा ज़रूरी होता है — सही रास्ता।”
अगर आपको ये लेख पसंद आया, और लगता है कि ये किसी confused इंसान की ज़िंदगी बदल सकता है, तो share जरूर करना और बताओ कि अगला टॉपिक किस पर होना चाहिए।
– आपका अपना,
Ayaan Kabir
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