ज़िद और दिमाग से कैसे बने एक महान इंसान?



ज़िद और दिमाग से कैसे बने एक महान इंसान?


(लेखक – Ayaan Kabir)


 आज का विषय:

अगर आप ज़िद (Stubbornness) और दिमाग (Intelligence) का सही इस्तेमाल करें — तो आप भी दुनिया के सबसे महान लोगों की कतार में खड़े हो सकते हैं।

Google पर इस विषय पर सैकड़ों लेख मिल जाएंगे।
लेकिन भाई मैं हमेशा की तरह एक अलगी सोच और कहानी के ज़रिए आपको समझाऊंगा,
जो सीधा आपके दिल को छू जाएगी
तो चलिए, बिना समय बर्बाद किए, शुरू करते हैं आज की प्रेरणादायक कहानी।


1500 साल पुरानी एक सच्ची कहानी

बहुत साल पहले, भारत में एक बेहद ताकतवर राजा हुआ करता था।
उसके पास था:

  • 2 लाख सैनिक
  • 5,000 हाथी
  • 5,000 घोड़े
  • और देशभर के छोटे-बड़े राजा उससे डरते थे।

लेकिन उसकी एक बुरी आदत थी —
वो अपनी प्रजा से ज़बरदस्ती करज़ा वसूलता था,
और उस पैसे से ऐश करता, रंगरलियां मनाता।
प्रजा बेहद परेशान थी, लेकिन डर के मारे कुछ बोल नहीं पाती थी।


फिर आया बदलाव का बीज

एक दिन एक पढ़ा-लिखा और समझदार व्यक्ति उस दरबार में गया।
वो राजा से बोला:

“महाराज, ये जो आप जनता का पैसा ऐश में उड़ा रहे हैं —
उसका इस्तेमाल देश और प्रजा की भलाई में होना चाहिए।”

राजा ने सुनते ही गुस्से में आकर उस आदमी को लात मारकर दरबार से बाहर निकाल दिया


जली आंखों में एक ज्वाला

उस व्यक्ति की आंखों में आंसू नहीं — ज्वाला थी।
उसने वहीं प्रतिज्ञा की:

"एक दिन इसी राजा को उसके सिंहासन से उतारकर फेंक दूंगा,
और किसी अच्छे इंसान को देश का राजा बनाऊंगा।"


अब सोचिए भाई — ये कोई मामूली कसम नहीं थी।

ये कोई Ramcharan की लड़की को पटाने जैसा हल्का वादा नहीं था 
बल्कि एक पूरे राज्य के शासक को गिराने की कसम थी।
अब देखो, क्या किया उस इंसान ने...


पहला प्रयास – गुस्से और ज़िद से भरा

एक साल के अंदर उसने किसी तरह 5,000 सैनिक, 200 हाथी और 200 घोड़े जुटाए और
राजा पर सीधा हमला बोल दिया।

लेकिन...
राजा ने उसे इतनी बुरी तरह हराया कि उसे अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।


दूसरा प्रयास – ज़िद + दिमाग = जीत

अब उसने बैठकर सोचा —

“मैंने गुस्से और ज़िद में आकर लड़ाई की —
लेकिन दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया।”

इस बार उसने दिमाग से चाल चली।
राजा पर सीधे हमला करने के बजाय:

  • पहले राजा की छोटी-छोटी रियासतों पर कब्जा किया,
  • राजा के सैनिकों को या तो हराया,
  • या बातों से समझाकर अपनी सेना में मिला लिया।

धीरे-धीरे राजा अकेला पड़ गया।
फिर एक दिन उस आदमी ने सीधे राजमहल पर हमला किया,
और राजा को हरा दिया।


प्रतिज्ञा पूरी हुई

उसने किसी अच्छे, ईमानदार इंसान को गद्दी पर बैठाया।
और अपनी प्रतिज्ञा पूरी की।


अब समझो असली बात:

ज़िद + दिमाग = Great Man

  • अगर सिर्फ ज़िद होगी लेकिन दिमाग नहीं — तो आप हारोगे।
  • अगर सिर्फ दिमाग होगा लेकिन ज़िद नहीं — तो आप कभी लड़ नहीं पाओगे।
  • लेकिन अगर दोनों साथ हैं — तो कोई ताकत आपको रोक नहीं सकती।

 आख़िरी बात:

ज़िद और दिमाग ठीक वैसे हैं जैसे पति-पत्नी।
एक-दूसरे के बिना अधूरे।
अगर दोनों साथ आ जाएं — तो दुनिया हिल सकती है।


अगर आपको ये कहानी पसंद आई,
तो दिल से एक  भेजो भाई...
ताकि अगली बार और भी  Article लेकर आ सकूं।

– आपका भाई,
Ayaan Kabir

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