ना मरने वाली दवा
"मेरे पास एक ऐसी दवा है जिससे मृत्यु नहीं होगी..."
लेखक: अयान कबीर
हम सभी जानते हैं कि एक दिन मृत्यु निश्चित है।
इस दुनिया में जिसने भी जन्म लिया है, उसे एक दिन इस संसार को छोड़ना ही है।
फिर भी हम अक्सर ऐसे व्यवहार करते हैं,
जैसे हम कभी मरने वाले ही नहीं।
लेकिन दोस्तों,
अब मेरे पास एक ऐसी दवा है —
जिसे लेने के बाद कोई इंसान कभी नहीं मरेगा।
एक तरह का अमृत।
यह अमृत मुझे एक घने जंगल में मिला।
मैं चाहता तो इसे खुद पीकर हमेशा के लिए जीवित रह सकता था।
लेकिन मैंने सोचा —
"अगर मैं अकेला ही जीवित रहूं, तो क्या फायदा?"
सलमान खान, आमिर खान, शाहरुख खान, दीपिका, रणवीर सिंह, सनी लियोनी —
अगर ये लोग ना रहें तो
नए-नए फ़िल्में, मनोरंजन, हंसी — ये सब किसके साथ देखूंगा?
इसलिए मैंने ठान लिया कि यह अमृत भारत सरकार को दे दूंगा
ताकि हर कोई जीवित रह सके।
भगवान की योजना को मैंने हिला दिया!
सोचिए ज़रा —
कितने वर्षों से भगवान ये योजना बना रहे थे
कि इंसान जन्मे, जिए, और एक दिन मृत्यु को प्राप्त हो।
और मैंने एक झटके में भगवान की योजना की धज्जियाँ उड़ा दीं।
लेकिन फिर मैंने सोचा —
अगर कोई कभी मरेगा ही नहीं, तो आगे क्या होगा?
अमरता का बोझ
हर कोई जीवित रहेगा —
तो जनसंख्या बढ़ती ही जाएगी।
इतनी कि ज़मीन पर पैर रखने की जगह भी नहीं बचेगी।
लोग भूखे, नंगे, बेसहारे —
सड़कों पर भटकते रहेंगे।
और तब ज़िंदगी जीना भी मौत से बदतर लगने लगेगा।
हर इंसान के मन में एक ही ख्याल घूमेगा —
"मर जाना ही बेहतर था..."
यह दुनिया इंसान ने नहीं, भगवान ने बनाई है
अगर ये दुनिया इंसान की बनाई होती —
तो आज भारत जैसी महान भूमि में,
इतनी संभावनाओं के बावजूद इतनी निराशा ना होती।
हम उन लोगों को देश का नेता बनाते हैं —
जो अक्सर अशिक्षित होते हैं,
जिन्हें विकास की समझ नहीं होती,
और जिनकी सोच केवल अपनी और अपने रिश्तेदारों की भलाई तक सीमित होती है।
हम उम्मीद करते हैं कि वो “अमृत” पूरे देश को बांटेंगे,
लेकिन वो तो केवल अपने परिवार को अमृत पिलाकर
बाकी जनता को इंतज़ार में छोड़ देते हैं।
और हम —
सालों-साल बस इंतज़ार करते रहते हैं।
अब असली बात पर आइए
दोस्तों,
अमृत की तलाश छोड़िए।
ज़िंदगी को इतना खूबसूरत बना दीजिए कि वह खुद अमृत बन जाए।
भगवान ने हमें जो जीवन दिया है,
उसके पीछे उनकी कोई गहरी सोच और योजना है।
हमें किसी नेता की योजना के अनुसार नहीं,
ईश्वर की योजना के अनुसार चलना चाहिए।
सच्चा अमृत क्या है?
ईश्वर चाहते हैं कि हम ऐसी ज़िंदगी जिएं —
जिससे ना सिर्फ़ हम खुश रहें,
बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी गर्व से कहें — "हम उस इंसान की संतान हैं।"
हमें ऐसा कुछ करना चाहिए —
कि मरने के बाद भी लोग हमें याद रखें।
हमारी सोच, हमारे काम, हमारी अच्छाई अमर हो।
तो याद रखो…
मैंने कहा था कि अमृत मेरे पास है —
लेकिन सच तो ये है कि अमृत सबके पास है।
बस ज़रूरत है —
उसे सही तरीके से इस्तेमाल करने की।
और जिस दिन आपने इसे समझ लिया —
उस दिन से आप भी "अमर" हो जाएंगे।
लेखक: अयान कबीर
(एक आम इंसान जो चाहता है कि दुनिया थोड़ी कम स्वार्थी और थोड़ी ज़्यादा खूबसूरत हो)
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