कल किसने देखा ?
"कल किसने देखा?"
लेखक: अयान कबीर
"कल किसने देखा?"
बहुत बार सुना होगा आपने ये बात।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिन्होंने ‘कल’ को देखा, वही आज इतिहास बना बैठे हैं?
क्या वाकई किसी ने 'कल' देखा है?
बहुत से लोग कहेंगे —
"भाई, कल तो किसी ने नहीं देखा।"
लेकिन अगर ऐसा होता तो आज सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान जैसे लोग इस मुकाम पर नहीं होते।
इन्होंने अपना कल देखा था —
अपने कल की गलतियों को स्वीकारा,
फिर उन्हें सुधारने के लिए जी-जान लगा दी।
इसीलिए आज…
दुनिया इन्हें पहचानती है।
अब बात आती है हमारी — आपका 'कल' कहां है?
हममें से कई लोग ये सोचते हैं —
"अभी गलती कर ली तो क्या हुआ, कल सुधार लेंगे..."
लेकिन सच्चाई ये है —
जिसे अपना आज संभालना नहीं आता,
वो कल को क्या संभालेगा?
अगर आज की गलती को हम दिनभर में ठीक नहीं कर पा रहे,
तो कल पर भरोसा करना बेवकूफी है।
कैसे दिखेगा आपका 'कल'?
हर रात सोने से पहले सिर्फ 5 मिनट बैठो और खुद से पूछो:
- आज मैंने जो किया, वो मेरे सपनों के हिसाब से सही था या गलत?
- क्या मैं वाकई उस रास्ते पर हूँ जो मुझे सफलता की ओर ले जाएगा?
अगर जवाब 'हाँ' है, तो बहुत बढ़िया।
अगर 'नहीं' है, तो तुरंत सुधारो।
ऐसा 10 दिन लगातार करो।
उसके बाद ये आदत बन जाएगी।
और जब ये आदत बन जाएगी —
आपका ‘कल’ साफ दिखने लगेगा।
एक ज़रूरी उदाहरण – एग्ज़ाम की कहानी
मान लो आप एग्ज़ाम दे रहे हो।
अंत में सिर्फ 5 मिनट बचे हैं।
अब आपके पास दो ऑप्शन हैं:
- आगे के सवालों के जवाब देना शुरू कर दो
- जो लिख चुके हो, उसे एक बार ध्यान से जांच लो
अब समझदार वही है जो पहले से लिखे जवाबों को दुबारा चेक करे,
क्योंकि इंसान से गलती हो जाती है —
और छोटी सी गलती भी बहुत सारे नंबर काट सकती है।
ठीक इसी तरह, ज़िंदगी भी एक परीक्षा है —
जिसमें हर रोज़ खुद को चेक करना ज़रूरी है।
छोटी-छोटी बातों में छुपे होते हैं बड़े-बड़े सपने
सफलता कोई एक दिन का चमत्कार नहीं है।
ये तो रोज़ की छोटी-छोटी आदतों और सोच का खेल है।
- जो इंसान हर शाम अपनी कमियों को पकड़ता है
- और उन्हें सुधारने की कोशिश करता है
वही इंसान 'कल' को बदल सकता है।
अब मैं पूरे गर्व से कह सकता हूँ...
जिसने मेरी ये बात ध्यान से पढ़ी है,
उसने 'कल' देख लिया है।
क्योंकि अब वो जानता है —
कल का भविष्य आज के फैसलों पर टिका होता है।
आप मेरी बातों को आज अगर सिर्फ़ 10 दिन के लिए भी अपनाते हो,
तो यकीन मानो —
आपका जीवन एक मिरैकल की तरह बदल जाएगा।
तो अब जवाब दीजिए — 'कल किसने देखा?'
अब आप देखोगे।
और जब आप देखोगे,
तब दुनिया देखेगी कि आप क्या बनते हो।
लेखक: अयान कबीर
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